अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हाल में लिए गए फैसले पर फेसबुक के CEO मार्क जकरबर्ग ने उनके लिए फेसबुक पर एक मैसेज लिखा है। शुक्रवार को लिखे गए इस पोस्ट में जुकरबर्ग ने ट्रंप से निवेदन किया है कि वह शर्णार्थियों के लिए अमेरिका के दरवाजे बंद ना करें। जुकरबर्ग ने यह भी लिखा है कि इस्लामी चरमपंथियों को ट्रंप अमेरिका से बाहर ना करें। माना जा रहा है अमेरिका जिनकी संख्या 10 लाख के भी पार होगी। जकरबर्ग ने डोनाल्ड ट्रंप के नाम संदेश लिखते हुए बताया कि उनके पूर्वज जर्मनी, ऑस्ट्रिया और पॉलैंड से थे और उनकी पत्नी प्रिसेला के दादा-परदादा चीन और वयतनाम के रिफ्यूजी थे। जुकरबर्ग ने लिखा कि बाकी लोगों की तरह ट्रंप के ऑर्डर से वह भी परेशान हैं। उन्होंने आगे लिखा कि देश को सुरक्षित करने के लिए उन लोगों पर ही फोकस करना चाहिए जिनसे देश को खतरा है। यह भी कहा कि अमेरिका को रिफ्यूजी लोगों के लिए दरवाजे खुले रखने चाहिए।
बता दें, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को एक शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं। जिसमें चरमपंथी इस्लामिक आतंकवाद का सफाया करने के मकसद से डोनाल्ड ट्रंप ने सात मुस्लिम देशों से आने वाले मुस्लिम शरणार्थियों को बैन कर दिया है। इस पर हस्ताक्षर करने के बाद ट्रंप ने कहा, मैं चरमपंथी इस्लामी आतंकियों को अमेरिका से बाहर रखने के लिए सघन जांच के नए नियम स्थापित कर रहा हूं। हम उन्हें यहां देखना नहीं चाहते। हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हम उन खतरों को अपने देश में न आने दें, जिनसे हमारे सैनिक विदेशों में लड़ रहे हैं। हम सिर्फ उन्हीं को अपने देश में आने देना चाहते हैं, जो हमारे देश को सहयोग देंगे और हमारी जनता से गहरा प्रेम करेंगे।