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भाई पर आरोप, बहन को मिली सजा
यह मामला 2002 का है। मुख्तारन माई के छोटे भाई पर लगे आरोपों पर सजा तय करने के लिए पंचायत बैठी। सजा सुनाई गई कि जिस्मानी रिश्ते की सजा भी यही होगी। लिहाजा, जुर्म करने वाले की बहन के साथ भी ऐसा ही सलूक किया जाए। इसके बाद मुख्तारन माई के साथ छह लोगों ने गैंगरेप किया, फिर उन्हें बगैर कपड़ों के घुमाया गया।
बता दें कि मुख्तारन के आरोपी भाई की उम्र 12 उस वक्त साल थी।
बता दें कि मुख्तारन के आरोपी भाई की उम्र 12 उस वक्त साल थी।
14 में से 13 आरोपी हो गए थे बरी
इस मामले में 14 लोगों को आरोपी बनाया गया था। इनमें वे लोग भी शामिल थे, जिन्होंने सजा सुनाई थी। 2005 में हाईकोर्ट ने 14 में से 13 लोगों को बरी कर दिया, जबकि मुख्य आरोपी अब्दुल खालिक को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
2011 में सुप्रीम कोर्ट ने भी हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा।
इस मामले में 14 लोगों को आरोपी बनाया गया था। इनमें वे लोग भी शामिल थे, जिन्होंने सजा सुनाई थी। 2005 में हाईकोर्ट ने 14 में से 13 लोगों को बरी कर दिया, जबकि मुख्य आरोपी अब्दुल खालिक को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
2011 में सुप्रीम कोर्ट ने भी हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा।
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