पाकिस्तान में जिस महिला को गैंगरेप के बाद दरिंदों ने निर्वस्त्र कर सरेआम घुमाया.. वो महिला आज 14 साल बाद रैंप पर उतरी। अपनी सारी हिम्मत समेटते हुए पाकिस्तान की मुख्तारन माई ने साबित कर दिया कि दिल में हिम्मत हो तो इंसान बड़े से बड़े दर्द को भी झेल सकता है। अपने साथ हुई हैवानियत के बाद लगातार मुख्तारन माई पाकिस्तान में महिलाओं के सम्मान के लिए लड़ रही हैं।
मुख्तारन माई ने पाकिस्तान के कराची में आयोजित कार्यक्रम में रैंप पर उतर कर दूसरी महिलाओं के लिए साहस और हिम्मत का परिचय दिया। रैंप पर उतरी मुख्तार माई ने कहा कि वो फैशन वीक में हिस्सा लेकर पाकिस्तान की महिलाओं में साहस और आशा कि किरण जगाना चाहती हैं। माई ने कहा अगर मेरे इस कदम से किसी भी महिला को मदद मिलती है तो मुझे बहुत खुशी मिलेगी।
गौरतलब है कि 14 साल पहले जब मुख्तार माई जब 28 साल की थीं तब उन्हें पंचायत के प्रमुख लोगों ने भयावह सजा सुनाई थी। मुख्तार माई को उस अपराध की सजा मिली थी जो उन्होंने किया भी नहीं था। मुख्तार माई के भाई पर आरोप था कि उसने कबीले की प्रमुख जाति की महिला से अवैध संबंध बनाए थे।
भाई पर लगे आरोपों का दंश मुख्तार माई को झेलना पड़ा था। पंचायत के आदेश पर मुख्तार माई के साथ सामुहिक दुष्कर्म किया गया और फिर उन्हें पाकिस्तान में नग्न घुमाया गया था। ऐसी हैवानियत झेलने के बाद भी मुख्तार माई टूटी नहीं। उन्होंने उनके साथ जो हुआ उसके खिलाफ लड़ीं और आरोपियों को पाकिस्तान की सर्वोच्च न्यायालय से मौत की सजा दिलवाई। लेकिन बाद में आरोपियों को रिहा कर दिया गया।
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