नई दिल्ली। राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के हफ्ते भर के भीतर डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ा फैसला लेते हुए सात मुस्लिम बहुल देशों के नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश पर रोक लगा दी। यह रोक फिलहाल 90 दिनों के लिए लगाई गई है, जिसे बढ़ाया भी जा सकता है। ट्रंप प्रशासन के इस फैसले से अमेरिका में विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी समेत दुनिया भर में विरोध शुरू हो गया है।
इस बीच मुस्लिम जानकारों का मानना है कि अमेरिका के नवनियुक्त राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा विश्व के सात मुस्लिम देशों के लोगों को वीजा देने के नियमों को कड़ा करने और शरणार्थियों के आगमन पर रोक लगाने जैसे फैसले से दुनिया में आतंकी समूह एक बार फिर से सिर उठा सकते हैं।
इस्तांबुल की बिल्गी यूनिवर्सिटी के प्रफेसर इल्टर तुरान ने कहा कि आतंकी कह सकते हैं, देखिए अमेरिका का निशाना आतंकवाद नहीं, बल्कि मुसलमान हैं। वहीं, इराक के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और सांसद मुवाफाक अल-रुबाई ने कहा कि मेरा मानना है कि यह पूरी मुस्लिम जगत को ही अलग-थलग करने जैसा है।
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