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भारतीय खुफिया एजेंसियों ने पठानकोट हमले की जांच के बाद यह आशंका जताई थी कि जिस तरह के सैन्य प्रशिक्षण के साथ आतंकी देश में घुसे हैं वह पहले से अलग है। उनका शक आइएसआइ पर गया था कि वह अब नए सिरे से जैश और लश्कर के आतंकियों को प्रशिक्षित कर रही है। बाद में नियंत्रण रेखा पार करने के दौरान पकड़े गए आतंकी बहादुर अली से पूछताछ में यह बात पक्की भी हो गई। अली ने बताया कि आइएसआइ के लोग आतंकियों को अफगान सीमा पर ले जाकर प्रशिक्षण दे रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक नवाज शरीफ ने राजनीतिक वजहों से आइएसआइ के सामने पूरी तरह से हथियार डाल दिए हैं। कश्मीर मुद्दे को हवा देकर शरीफ ने अपनी डगमगाती राजनीतिक नैया को फिलहाल संभाल लिया है जबकि कश्मीर मुद्दे को उछाल कर आइएसआइ फिर अपनी प्रासंगिकता वहां साबित करने में जुटी है।
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