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बाजवा ने कहा कि असैनिक नेतृत्व और सैनिक नेतृत्व के बीच प्रतियोगिता की छवि देश के लिए अच्छा नहीं है। विल्किंसन की किताब में स्वातंत्रयोत्तर भारत के तरुण लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए भारतीय सेना की संरचना और नियुक्ति प्रणाली में बदलाव का विस्तृत ब्योरा दिया गया है। अभी तक सेना या असैन्य सरकार ने जनरल बाजवा की टिप्पणी पर कुछ नहीं कहा है।
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