पाकिस्तान के शहर रावलपिंडी में पोस्टर्स लगाकर सेनाध्यक्ष जनरल राहील शरीफ से 2018 में होने वाले आम चुनाव लड़ने को कहा जा रहा है। शरीफ का कार्यकाल कुछ सप्ताह में खत्म हो रहा है।
पोस्टर्स में बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा गया है कि एकटेंशन नहीं बल्कि रिडक्टशन अपील की जा रही है कि रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी को राजनीति में शामिल होने की दो साल की जरूरी समय-सीमा को घटाकर एक साल कर दिया जाए। ताकि जनरल शरीफ राजनीति में आ सकें और 2018 के आम चुनावों में हिस्सा ले सकें। इन बैनर्स में सरकार और विपक्षी पार्टियों से ‘उनकी विभाजनकारी राजनीति’ खत्म करने को कहा गया है। पोस्टर्स में यह भी कहा गया है कि अगर जनरल राजनीति में आते हैंं तो ‘देश की सिविल और मिलिट्री ताकतों में एकरूपता आ जाएगी।
बैनर्स में कहा गया है कि चुनाव में हिस्सा लेकर, शरीफ की पार्टी ‘बहुमत जीतेगी और वह (शरीफ) प्रधानमंत्री चुने जाएंगे और देश को सफलता के रास्ते पर ले जाएंगे। पोस्टर्स में अवामी मॉनिटरिंग सेल (रावलपिंडी) के सदस्य शेख राशीद अमजद अली का नाम अभियान चलाने वाले व्यक्ति की जगह पर है।इससे पहले कई शहरों में सेनाध्यक्ष जनरल शरीफ को संबोधित पोस्टर्स लगाए गए थे, जिनमें उनसे अपील की गई थी कि वे सेनाध्यक्ष के पद पर ‘बने रहें’। जुलाई में ऐसे पोस्टर्स इस्लामाबाद, लाहौर, कराची और कई बड़े शहरों में लगाए गए थे।
अगले पेज में पढ़िए आगे की खबर-