इस्लामाबाद : कश्मीर पर उकसाने वाली गतिविधियों से पाकिस्तान बाज नहीं आ रहा है। भारत में कश्मीर में मानवाधिकारों के हनन का आरोप लगाते हुए उसकी संसद ने निंदा प्रस्ताव पारित किया है। साथ ही संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग से घाटी में जांच दल भेजने की मांग भी दोहराई है।
नेशनल एसेंबली में सोमवार रात पारित प्रस्ताव में पेलेट गन के इस्तेमाल की निंदा करते हुए इसे अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों के खिलाफ बताया गया। कश्मीर में संघर्ष के लिए पाकिस्तान का राजनीतिक, नैतिक और कूटनीतिक समर्थन जारी रखने की बात दोहराई गई। सरकार पर अंतराष्ट्रीय समुदाय से भारत पर दबाव डालने की अपील की गई। गौरतलब है कि हिज्बुल कमांडर बुरहान वानी के मुठभेड़ में मारे जाने के बाद से बौखलाए पाक की मांग को संयुक्त राष्ट्र पूर्व में ठुकरा चुका है। इस बीच, तुर्की ने पाक की इस नापाक मांग का समर्थन किया है। तुर्की के विदेश मंत्री मेवलुत कावुसोग्लू ने मंगलवार को कहा कि इस्लामी सहयोग संगठन (ओआइसी) को मानवाधिकारों के उल्लंघन की जांच के लिए अपना पर्यवेक्षक दल कश्मीर भेजना चाहिए। वे पाकिस्तान के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज के साथ पत्रकारों से बात कर रहे थे। कावुसोग्लू ने कहा कि कश्मीर समस्या का समाधान बातचीत के जरिये होना चाहिए और इस पर पाकिस्तान के रुख का तुर्की पूरी तरह समर्थन करता है। दूसरी ओर, यूएन महासचिव बान की मून ने सकारात्मक तरीके से कश्मीर मसले का हल निकालने की अपील एक बार फिर भारत-पाक से की है। उनके उप प्रवक्ता फरहान हक ने मंगलवार को कहा कि वैश्विक संगठन वहां के हालात की लगातार निगरानी भी जारी रखेगा।
इधर मुंबई पर आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के बेटे ताल्हा सईद के नेतृत्व में जमात उद दावा (जेयूडी) का एक काफिला नियंत्रण रेखा के नजदीक चकोठी में धरने पर बैठ गया है। उनका कहना है कि जब तक कश्मीरियों के लिए लाई गई उनकी राहत सामग्री को भारत स्वीकार नहीं कर लेता वे वहां से नहीं हटेंगे। 1जेयूडी के सहयोगी संगठन फलेह-ए-इंसानियत फाउंडेशन के अध्यक्ष हाफिज अब्दुर रऊफ ने फोन पर बताया कि पाकिस्तानी सेना और पुलिस ने उन्हें नियंत्रण रेखा के पास चकोठी में रोक लिया है। उन्होंने पाकिस्तानी अधिकारियों से आग्रह किया है कि वे इस संबंध में भारतीय सेना से बात करें।