उरी हमले के 10 दिन गुजरने के बाद भी पाकिस्तान की तरफ से नफरत और बेहूदी बयानबाजी का दौर खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। चाहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ हों या फिर वहां के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ। हर कोई पाकिस्तान की खामियों को छिपाने के लिए उल्टा भारत को ही जिम्मेदार ठहरा रहा है। इसी बीच पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने उरी हमले से पर बेहद शर्मनाक और घटिया बयान दिया। ख्वाजा ने कहा कि उरी स्थित सेना के ठिकाने पर हुए हमले की योजना भारत ने खुद बनाई थी। ख्वाजा आसिफ ने दावा किया कि अब समूची दुनिया जानती है कि भारत कश्मीर मुद्दे के हल के लिए उतना गंभीर नहीं है जितना कि पाकिस्तान है।
पाकिस्तानी मंत्री ने दावा किया कि अब पूरी दुनिया जान चुकी है कि भारत कश्मीर मसला सुलझाने के लिए पाकिस्तान जितना गंभीर नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान को बदनाम करने की साजिश का भारत को कहीं भी समर्थन नहीं मिला जबकि वहीं चीन पाकिस्तान के नजरिये से हमेशा सहमत रहा है।
रक्षामंत्री आसिफ ने पाकिस्तान के डॉन न्यूज से कहा कि 18 सितंबर के हमले में पाकिस्तान की ओर इंगित करने वाला कोई भी सबूत सामने नहीं आया है। जिस हमले के लिए भारत ने पाकिस्तान स्थित आतंकी समूह जैश-ए-मुहम्मद को दोषी ठहराया है, उसकी कथित साजिश भारत ने खुद रची थी।
जब यह पूछा गया कि पाकिस्तान ने कथित भारतीय जासूस कुलभूषण जाधव के पकड़े जाने का मुद्दा क्यों नहीं उठाया, जबकि भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में बहादुर अली को सीमा पार से आतंकवाद का जिंदा सबूत बताया? आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान इस मुद्दे को पिछले कई माह से रोज उठा रहा है। आसिफ ने कहा कि सिर्फ कुलभूषण जाधव ही नहीं हम लोगों के पास ब्रह्मदाग बुगती भी प्रमाण के रूप में है, जिसे भारत ने फर्जी पहचान पर वीजा जारी किया।
आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान विरोधी तत्व हर देश में मौजूद हैं, लेकिन उनकी आवाज का असर उन देशों की नीतियों पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि हमारे खिलाफ पांच या 10 आवाजें उठ गईं तो वे पाकिस्तान को आतंकी देश घोषित करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं।