पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के एक सीनियर नेता को कोट करते हुए रिपोर्ट में बताया गया है, “यहां सुपर हाइवे के समानांतर ‘अच्छे तालिबान’ की बस्तियां हैं।” सीनियर अधिकारियों, पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं के हवाले से इस रिपोर्ट में बताया गया है कि कई जिहादी मास्टरमाइंड जो कराची छोड़कर चले गए थे, अब वे शहर को सुरक्षित महसूस करते हैं और वापस लौट आए हैं। ICG की रिपोर्ट में पाकिस्तान के एक प्रांतीय रिटायर्ड अधिकारी को कोट करके कहा गया है, ‘जब पाकिस्तान और भारत में कश्मीर को लेकर तनाव बढ़ता है तो ये संगठन कराची में आ जाते हैं।’
कराची के एक पुलिस ऑफिसर ने कहा, “हमें कई कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, इसलिए हम कुछ नहीं कर सकते हैं। हमें विदेश नीतियों का भी ध्यान रखना पड़ता है।”
रिपोर्ट में बताया गया है कि कराची में जिहादी मदरसे स्वतंत्र रूप से चलते हैं। यहां रोजगार की कमी की वजह से युवा मदरसों में चले जाते हैं, जहां इन्हें पैसे भी दिए जाते हैं। यहां के बेरोजगार लोग जिहाद को पेशे की तरह अपनाते हैं।