इस्लामाबाद : भारत के कूटनीतिक हमले की वजह से सार्क (साउथ एशियन असोसिएशन फॉर रीजनल कॉपरेशन) देशों के बीच अलग-थलग पड़ा पाकिस्तान इस गठजोड़ में दूसरे देशों को शामिल करवा भारत के दबदबे को चुनौती देने की योजना बना रहा है। पाकिस्तानी अखबार डॉन ने कूटनीतिक समीक्षकों के हवाले से यह खबर दी है।डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, न्यूयॉर्क में मौजूद पाकिस्तान के एक संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने बीते हफ्ते अपने पांच दिवसीय वॉशिंगटन दौरे के बीच इस विचार को सामने रखा। मीडिया से बातचीत के दौरान सीनेटर मुशाहिद हुसैन सैयद ने कहा, ‘एक ग्रेटर साउथ एशिया का उदय हो रहा है। इस ग्रेटर साउथ एशिया में चीन, ईरान और पड़ोसी मध्य एशियाई देश हैं।’
सैयद ने चाइना-पाकिस्तान इकॉनमिक कॉरिडोर को साउथ एशिया और सेंट्रल एशिया को जोड़ने वाला अहम आर्थिक रूट करार दिया। उन्होंने कहा कि ग्वादर पोर्ट चीन और कई सेंट्रल एशियाई देशों के लिए सबसे नजदीकी वॉर्म वाटर पोर्ट है। बता दें कि वॉर्म वाटर पोर्ट वे बंदरगाह होते हैं, जिनका पानी जाड़े के दिनों में नहीं जमता। इस वजह से इनका भौगोलिक महत्व बेहद अहम हो जाता है।सैयद ने भारत से भी इस व्यवस्था से जुड़ने की अपील की। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के इससे जुड़ने की संभावना बेहद कम है क्योंकि भारत सिर्फ उन सहूलियतों का लाभ उठाना चाहेगा, जो उसे सार्क के तहत मिलती हैं।
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