पाकिस्तान सेना के ‘हेट इंडिया’ अजेंडा के खिलाफ लिखना एक पाकिस्तानी लेखक को भारी पड़ गया और ‘न्यू यॉर्क टाइम्स’ के इंटरनैशनल एडिशन में छपे उसके लेख को ही सेंसर कर दिया गया। स्थानीय प्रकाशक ने उस लेखक के लेख को शुक्रवार को सेंसर कर दिया। मोहम्मद हनीफ के लेख ‘पाकिस्तान ट्राइऐंगल ऑफ हेट: तालिबान, सेना और भारत’ की जगह इंटरनैशनल न्यू यॉर्क टाइम्स का पन्ना खाली छोड़ दिया गया। खाली पन्ने पर यह नोट लिखा था कि इस लेख को हटाने में न्यू यॉर्क टाइम्स की कोई भूमिका नहीं है।
बता दें कि ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ पाकिस्तान में इंटरनैशनल न्यू यॉर्क टाइम्स को छापता है। माना जा रहा है कि ट्रिब्यून ने सेना और सरकार के कोप से बचने के लिए ऐसा किया। बता दें कि पाकिस्तान के एक अन्य समाचार पत्र ‘डॉन’ ने भारत विरोधी आतंकी संगठन से निपटने के तौर-तरीकों को लेकर सेना और सरकार के बीच तकरार के बारे में पिछले साल एक स्टोरी छापी थी। इसके बाद पाकिस्तान में काफी बवाल मचा था।
Censorship watch day 2: Pakistan blots out @nytimes p13 (link to the excellent article by @mohammedhanif here: https://t.co/cByEpqoemB) pic.twitter.com/rwx6eo7Mho
— tw|tterton (@SarahTitterton) May 5, 2017
हनीफ के लेख में भी पाकिस्तानी सेना की आलोचना थी। इस कारण उस लेख को ही अखबार से हटा दिया गया। हनीफ ने लेख में लिखा था कि पाकिस्तानी सेना एहसानुल्लाह एहसान के रूप में एक ऐसे शख्स को साथी बना रही है जो भारत के खिलाफ उसके कभी न खत्म होने वाले युद्ध का नया सहयोगी है। एहसान वही शख्स है जिसने पिछले साल लाहौर में हुए हमले की जिम्मेदारी ली थी। इस हमले में बच्चों समेत कई लोग मारे गए थे। एहसान ने ही नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला युसूफजई पर हमले का दावा किया था। यही अहसान अब पाकिस्तान सेना का नया साथी है।