उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक धार्मिक संस्था ‘जन सेना’ स्थानीय लोगों को पत्थरबाजी की ट्रेनिंग दे रही है, ताकी वह कश्मीर में प्रदर्शनकारियों का सामना कर पाएं। जन सेना ने 1000 लोगों की एक टीम कश्मीर भेजने का फैसला किया है ताकि वह घाटी में पत्थरबाजों का सामना करने में सेना की मदद कर सकें। जनसेना के प्रमुख चैतन्य महापुरी ने कहा कि भारत की एकता को नुकसान पहुंचाने वाले पत्थरबाजों को सबक सिखाने के लिए हम लोगों को तैयार कर रहे हें। इनमें से 1000 लोग 7 मई को कश्मीर भेजे जाएंगे।
महापुरी ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस ग्रुप को कश्मीर भेजने की अनुमति मांग ली है, ताकि वो जवानों के आत्मविश्वास को बढ़ा सकें और पत्थरबाजों को पकड़ने में मदद कर पाएं। उन्होंने बताया कि इस टीम के साथ पत्थर से भरा एक ट्रक भी होगा, ताकि वो कश्मीर के चरमपंथियों को उन्हीं की भाषा में समझा पाएं। आम लोगों को पत्थरबाजी की ट्रेनिंग दे रहे साधुओं का एक वीडियो भी सामने आया है। यह वीडियो कानपुर में नदी किनारे का है, जिसमें दर्जनों की संख्या में लोग पुतलों पर पत्थर बरसा रहे हैं। इसके अलावा ये लोग वंदे मातरम, इंकलाब जिंदाबाद और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे भी लगा रहे हैं।
बता दें कि पिछले साल जुलाई माह में हिजबुल मुजाहिद्दीन कमांडर बुरहान वानी की हत्या के बाद से कश्मीर घाटी में तनाव फैला हुआ है। घाटी में पत्थरबाजी की घटना आए दिन होती रहती है। इस दौरान कई लोगों की मौत और हजारों की संख्या में लोग घायल हुए हैं। मरने और घायल होने वालों में पुलिस व सेना के जवान भी शामिल हैं। भारत कई बार इस बात के सबूत दिखा चुका है कि कश्मीर में फैल रहे तनाव के पीछे पाकिस्तान का हाथ है।