जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले से 62 राष्ट्रीय राइफल्स और पुलिस ने आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन के तीन संदिग्ध मददगारों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से तीन ग्रेनेड भी बरामद हुए हैं। इन्हें संगठन में युवाओं की भर्ती और आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने का काम सौंपा गया। खुफिया सूचना मिलने पर सुरक्षाबलों और राज्य पुलिस के विशेष अभियान दस्ते ने आमिर हुसैन, आसिफ अब्दुल्ला और अकील अहमद नाम के तीन हिजबुल मददगारों को अरेस्ट किया है। सुरक्षाबलों की पूछताछ में इन लोगों ने यह स्वीकार किया है कि उन्हें आतंकी संगठन में युवाओं को भर्ती करने और सुरक्षाबलों पर ग्रेनेड हमले की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
मददगारों ने सुरक्षा बलों को यह भी बताया कि वे हिजबुल के शीर्ष आतंकवादियों के संपर्क में थे और उन्हें कुछ हथियार और गोला-बारूद भी मुहैया कराया गया था। उन्होंने माना कि मुठभेड़ स्थल पर वे पथराव करते थे लेकिन उन्होंने ग्रेनेड या किसी अन्य तरीके से हमला नहीं किया। आतंकवादियों ने अनंतनाग में चुनाव विरोधी पोस्टर लगाने की बात भी मानी। सूत्रों ने बताया कि इन आतंकवादियों की निशानदेही पर हाजीपोरा के एक बगीचे से तीन ग्रेनेड बरामद किए गए।
दूसरी ओर जम्मू-कश्मीर के लगातार जारी हिंसा, तनाव और पत्थरबाजी के बीच खुलासा हुआ है कि घाटी के युवाओं को भड़काने और हिंसा के लिए प्रेरित करने का काम करने वाले अलगाववादियों को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों आईएसआई (ISI) द्वारा फंड भेजा रहा है। पिछले कुछ महीनों में 70 लाख रुपए भेजे गए हैं। न्यूज चैनल टाइम्स नाऊ ने प्राप्त दस्तावेजों का हवाला देते हुए जम्मू-कश्मीर में युवाओं को भड़काने के लिए पाकिस्तान और अलगाववादियों के बीच कनेक्शन का खुलासा किया है। इस पूरी साजिश कें केंद्र में हुर्रियत नेता शबीर अहमद शाह है।
बताया जा रहा है कि घाटी में हिंसा और तनाव के लिए आईएसआई द्वारा शबीर शाह को भेजा गया है। टीवी रिपोर्ट के मुताबिक आईएसआई ने अहमद सागर के माध्यम से पैसे भेजे थे। सागर ने इस पैसे को शबीर शाह को ट्रांसफर किया। घाटी में हिंसा के लिए पाकिस्तान द्वारा 70 लाख रुपये भेजे गए थे।