नई दिल्ली। एक कद्दावर बलूच नेता ने शनिवार(1 अक्टूबर) कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बलूचिस्तान के लोगों का ‘दर्द’ समझते हैं और बलूचिस्तान के नेतृत्व ने ‘‘70 साल में पहली बार’’ भारत की मदद मांगी है।
कार्यकर्ता मजदक दिलशाद बलूच ने ‘बलूच की अपील’ पर भारत के जवाब पर यह कहते हुए संतोष जताया कि स्वतंत्रता दिवस पर मोदी के भाषण ने बलूचिस्तान पर पाकिस्तान देश के ‘अत्याचारों’ के बारे में ‘‘जागरूकता फैलाने में एक प्रमुख भूमिका’’ निभाई। बुगती ने हाल ही में भारत में शरण मांगी है।
‘बलूच राष्ट्रीयता’ पर कार्यक्रम के दौरान इस युवा नेता ने कहा कि भारत हमारे साथ है। नरेन्द्र मोदी हमारा दर्द समझते हैं। पिछले 70 सालों में एक भी बलूच नेता भारत नहीं आया है। लेकिन अब हम आए हैं और यहां मिले जवाब से खुश हैं। हम संयुक्त राष्ट्र महासभा में भाषण देने के लिए सुषमा स्वराज के शुक्रगुजार हैं।
उन्होंने कहा कि आज यहां तक कि आटोवाला मुझे पूछता है कि क्या मैं वही बलूच हूं जिसके बारे में मोदीजी ने बोला था। 15 अगस्त के बाद से मुझसे कई बार ऐसे सवाल पूछे गए।