रूस ने इसी साल कहा था कि उनका चीन-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर से कोई मतलब नहीं है। रूस किसी भी रूप में चीन-पाक आर्थिक गलियारे से जुड़ने नहीं जा रहा। लेकिन अब पाकिस्तान में रूस के राजदूत एलेक्सी वाई डेडोव ने बताया कि रूस और पाकिस्तान ने सीपीईसी को यूरेशियन इकनॉमिक यूनियन प्रोजेक्ट से जोड़ने की बातचीत की है।
बता दें कि पिछले महीने ही रूस ने पाकिस्तानी मीडिया की उन रिपोर्ट्स को खारिज कर दिया था जिसमें कहा गया था कि वह खुद को सीपीईसी में शामिल करना चाहता है ताकि ग्वादर में चीन द्वारा बनाए गए पोर्ट तक उसकी पहुंच बन सके। लेकिन अब पाकिस्तान में रूस के राजदूत एलेक्सी वाई डिडोव ने कहा है कि पाकिस्तान और रूस ने बातचीत कर यह तय किया है कि यूराशियन इकनॉमिक कॉरिडोर को सीपीईसी से जोड़ा जाएगा। सामरिक मामलों के एक्सपर्ट ब्रह्मा चेलानी ने कहा कि रूस के इस कदम से लगता है कि वह अब भारत को एक विश्वसनीय दोस्त या भागीदार के रूप में नहीं देखता। रूस का इस तरह सीपीईसी को समर्थन देना भारत के मूल हितों के लिए झटका है।
हालांकि भारत ने आधिकारिक तौर पर कभी रूस से साथ अपने संबंधों में खटास नहीं आने दी है। भले ही पीछे से उसने कई बार रूस को यह बताने की कोशिश की है कि क्षेत्र में पाकिस्तान ही आतंकवाद फैलाने के लिए जिम्मेदार है। वहीं भारत को रूस ने यह कहकर भी झटका दिया था कि वह अफगानिस्तान के तालिबान को एक नेशनल मिलिट्री-पॉलिटिकल मूवमेंट के तौर पर देखता है।