सऊदी अरब और ईरान के बीच तनातनी बढ़ती ही जा रही है। हज यात्रियों के रियाद में प्रबंधन की ईरान द्वारा आलोचना किए जाने पर जवाब देते हुए सऊदी अरब के वरिष्ठ अधिकारी ने ईरान से ‘अरब नागरिकों के प्रति गलत रवैया’ खत्म करने को कहा है। अधिकारी ने चेतावनी दी कि वह सऊदी अरब के खिलाफ किसी तरह की ताकत का इस्तेमाल करने की न सोचे। मक्का राज्य के गवर्नर प्रिंस खालिद अल-फैजल ने कहा कि इस साल की हज यात्रा ”राज्य के खिलाफ फैलाए गए झूठ और बदनामी का जवाब है।” पिछले साल हज यात्रा के दौरान हादसे में सैकड़ों यात्रियों की मौत हो गई थी, जिसमें से ज्यादातर ईरानी थे। इसी को लेकर बुधवार शाम ईरान के शिया मुसलमानों और सऊदी अरब के सुन्नियों के बीच जबानी जंग तेज हो गई। गवर्नर के बयान को आधिकारी सऊदी प्रेस एजेंसी (SPA) ने जारी किया है।
(SPA) ने प्रिंस खालिद के हवाले से लिखा है, ”मैं अल्लाह तआला से उन्हें रास्ता दिखाने और ईराक, यमन और बाकी दुनिया के अरबों में से उनके साथ मुस्लिमों के प्रति उनके गुस्से और गलत रवैये को कम करने की दुआ करता हूं। लेकिन अगर वे हम पर हमला करने के लिए सेना तैयार कर रहे हैं, तो हम इतनी आसानी से किसी के कब्जे में नहीं आने वाले। जब हम ऐसा चाहेंगे तो अल्लाह की मदद से हर हमलावर को नेस्तनाबूद कर देंगे और अपनी पाक जमीन और प्यारे मुल्क को बचाने में जरा भी नहीं हिचकेंगे। जब तक हम में से एक भी इस धरती पर मौजूद है, कोई भी हमारे देश के किसी भी हिस्से पर कब्जा नहीं कर सकता।” किसी भी ईरानी नेता ने सऊदी अरब के खिलाफ जंग छेड़ने की बात नहीं कही है, रॉयटर्स के मुताबिक, दोनों देश ऐसा नहीं चाहते हैं।
पिछले साल हज हादसे और इस साल जनवरी में सऊदी शिया धर्मगुरु निम्र अल-निम्र को मौत के घाट उतारने के बाद महीनों आलोचना चली थी। निम्र की मौत के खिलाफ प्रदर्शन करते वक्त तेहरान में सऊदी अरब के दूतावास पर ईरानियों ने हमला कर दिया था, जिसके बाद रियाद ने सारे रिश्ते तोड़ लिए थे।