इस्लामाबाद मॉडल कॉलेज में पढ़ने वाले हैदर ने अपनी याचिका में कहा है कि उसने जिन्ना के जन्मदिवस पर हुए राष्ट्रपति कार्यालय के एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया था और 23 मार्च को भाषण दिया था, जिसके लिए खुद राष्ट्रपति ने उसे प्रशंसा पत्र दिया था। उसकी स्पीच राष्ट्रपति कार्यालय से स्वीकृत हुई थी। जब वह 22 दिसंबर को पाकिस्तान के राष्ट्रपति भवन पहुंचा तो उसे मेक अप के लिए भेज दिया गया और वहां से आकर वह भाषण देने के लिए अपनी बारी का इंतजार करने लगा। लेकिन उसे धक्का उस वक्त लगा जब उसे कहा गया कि उसकी स्पीच को दूसरे स्कूल की एक लड़की पढ़ेगी।
हैदर के वकील ने कहा कि इससे उनके मुव्वकिल को बेहद निराशा हुई और कार्यालय के अधिकारियों ने उसकी बेइज्जती भी की। इसे बौद्धिक संपदा और कॉपीराइट का उल्लंघन बताते हुए वकील ने चोरी करार दिया और स्पीच का इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया पर प्रसारण रोकने की भी मांग की।