यह बयान अंग्रेजी सहित चार भाषाओं में प्रकाशित किया गया है। इसमें अखूंदज़ादा ने कहा है, ‘मुजाहिदीन और मेरे प्यारे देशवासियों को पेड़ लगाने के इस काम के लिए हाथ मिलाना चाहिए।’ इस बयान में यह भी कहा गया है कि तालिबान ‘विदेशी आक्रमणकारियों और उनके भाड़े के सिपाहियों के साथ संघर्ष में सक्रिय है।’ मालूम हो कि तालिबान अफगानिस्तान की सरकार को विदेशियों (अमेरिका) का ‘भाड़े का मजदूर’ बताता है और उसे अफगान सरकार को उखाड़कर फेंकने की कोशिश कर रहा है। तालिबान ने अफगान सरकार और नाटो गठबंधन सेना के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। साल 2001 में अमेरिकी सेना के हस्तक्षेप के बाद तालिबान को अफगानिस्तान की सत्ता से हाथ धोना पड़ा था। बयान में आगे कहा गया है, ‘पेड़ लगाना और खेती करना ऐसे काम माने जाते हैं जिनसे इस दुनिया में तो फायदा मिलता ही है और मौत के बाद जन्नत में भी इसका बहुत शबाब मिलता है।’