ISIS का नया फलसफा – ‘इस्लाम नहीं है शांतिप्रिय धर्म’ , कहा ‘जीसस हैं अल्लाह के गुलाम, इसिलिए मारते हैं हम’

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लंदन : दुनिया के सबसे खूंखार आतंकी संगठन ISIS ने अपनी मैगजीन ‘दाबिक’ का नया अंक जारी किया है। इसमें उसने जीसस को अल्लााह का गुलाम बताया है और ईसाइयों को धमकाते हुए कहा है कि वे अपना धर्म छोड़ दें। मैगजीन में आतंकी संगठन ने यह दावा भी किया है कि वह पूरी तरह इस्लामिक है और उसने यह बताने की कोशिश की है कि इस्लांम एक शांतिप्रिय धर्म नहीं है।

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रिपोर्टों के मुताबिक, ‘ब्रेक द क्रॉस’ नाम से जारी दाबिक के पंद्रहवें संस्ककरण में ISIS ने इस बात के कई कारण गिनाएं हैं कि क्यों वह विदेशियों से नफरत करता है और उनकी हत्याएं करता है। बतौर एक कारण उसने कहा, ‘हम तुमसे नफरते करते हैं, इसका सबसे पहला और प्रमुख कारण यह है कि तुम लोग काफिर हो। तुम अल्लाह को खारिज करते हो।’ अन्य कारणों के तौर पर उसने ‘इस्लाम के खिलाफ अपराध’, ‘मुसलमानों के खिलाफ अपराध’ और ‘हमारी जमीन पर आक्रमण’ की बात कही है। मैगजीन में कहा गया है, ‘जब तक जमीन की एक भी इंच हमारे कब्जे से बाहर है, हर मुसलमान के लिए जिहाद निजी दायित्व के तौर पर जारी रहेगा।’ दाबिक के इस संस्करण में ज्यादा जोर इस बात पर दिया गया है कि जीसस, अल्ला्ह के गुलाम थे और उनको कभी भी सूली पर नहीं चढ़ाया गया था।

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इस मैगजीन की शुरुआत में ही ISIS ने हाल में हुए सभी आतंकी हमलों की जिम्मेदारी ली है। इन हमलों में जर्मनी के विर्त्सेबू , फ्रांस के नीस और अमेरिका के ऑरलैंडों में हुए हमले शामिल हैं। ISIS ने कहा कि इन हमलों को ‘खलीफा के छुपे हुए सैनिकों ने अंजाम दिया था।’

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