वॉशिंगटन :गुरुवार को अमेरिका ने सीरिया के एक एयरबेस पर मिसाइल दागे। खबरों की मानें, तो ट्रंप ने यह फैसला अपनी बड़ी बेटी इवानका के कहने पर लिया। एक कूटनीतिक मेमो के हवाले से कहा जा रहा है कि इवानका ने अपने पिता राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को यह हमला करने के लिए राजी किया। इस हमले से जुड़े घटनाक्रम और रणनीति को लेकर अमेरिका में नियुक्त ब्रिटिश राजदूत सर किम डेरक ने ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टरीज़ा मे और विदेश सचिव बोरिस जॉनसन को ब्रीफिंग दी। इसी केबल ब्रीफिंग में डेरक ने टरीज़ा और जॉनसन को बताया कि गुरुवार को अमेरिका द्वारा किए गए मिसाइल हमले के पीछे इवानका की अहम भूमिका रही। इस मेमो को देखने वालों ने ‘द इंडिपेंडेंट’ अखबार को यह जानकारी दी। सूत्रों के मुताबिक, इवानका के प्रभाव के कारण ही ट्रंप ने यह कदम उठाने का मन बनाया।
The times we are living in call for difficult decisions – Proud of my father for refusing to accept these horrendous crimes against humanity https://t.co/yV0oJuC9dE
— Ivanka Trump (@IvankaTrump) April 7, 2017
Heartbroken and outraged by the images coming out of Syria following the atrocious chemical attack yesterday.
— Ivanka Trump (@IvankaTrump) April 5, 2017
डेरक ने इस मेमो में दावा किया है कि सीरिया के इदलिब प्रांत में 4 अप्रैल को सरिन नर्व गैस द्वारा किए गए रासायनिक हमले में मारे गए लोगों की तस्वीर देखकर ट्रंप ‘अंदर तक हिल’ गए। ये तस्वीरें स्थानीय इदलिब मीडिया सेंटर द्वारा केबल टेलिविजन पर प्रसारित की गई थीं। डेरक द्वारा भेजे गए इस संदेश को पढ़ने वाले सूत्रों ने बताया कि इस रासायनिक हमले पर इवानका द्वारा लिया गया स्टैंड काफी प्रभावी साबित हुआ। मेमो के अनुसार, इवानका की भावनाओं ने बहुत हद तक राष्ट्रपति ट्रंप के इस फैसले को प्रभावित किया है।
डेरक ने अपने संदेश में लिखा कि शायद इसी कारण ट्रंप प्रशासन ने इस पूरी घटना पर उम्मीद से कहीं ज्यादा सख्ती दिखाई है। डेरक ने अपने मेसेज में टरीज़ा और जॉनसन का ध्यान इवानका के उस ट्वीट की ओर भी आकर्षित किया, जिसमें उन्होंने लिखा था कि ‘सीरिया में हुए बर्बर रासायनिक हमले के बाद वहां से आ रही तस्वीरों को देखकर उन्हें काफी गुस्सा आ रहा है और वहां मारे गए लोगों की फोटो देखकर उनका दिल टूट गया है।’
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