अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रमजान के अवसर पर मुसलमानों को तगड़ा झटका दिया है। उन्होंने व्हाइट हाउस में आयोजित होने वाली इफ्तार डिनर पार्टी को रद्द कर दिया है। पिछले 20 साल में यह पहली बार है, जब व्हाइट हाउस में मुसलमानों को इफ्तार पार्टी नहीं दी जाएगी। हालांकि इससे पहले डोनाल्ड ट्रंप और फर्स्ट लेडी मेलानिया ट्रंप ने बयान जारी कर मुस्लिमों को रमजान की शुभकामनाएं दी थी।
साल 1996 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के शासन में मुसलमानों के साथ आपसी सौहार्द के लिए इफ्तार पार्टी देने की शुरुआत हिलेरी क्लिंटन ने की गई थी, जिसको पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश और बराक ओबामा ने जारी रखा। इस इफ्तार पार्टी में मुस्लिम समुदाय के प्रतिष्ठित सदस्यों के साथ ही मुस्लिम देशों के राजनयिक और सीनेटर शामिल होते रहे हैं। इस बार ट्रंप ने इफ्तार पार्टी देने की बजाय सिर्फ शुभकामनाएं देकर 21 साल पुरानी परंपरा को तोड़ दिया। ट्रंप ने न सिर्फ ईद-उल-फितर की शुभकामनाएं दी, बल्कि रमजान शुरू होने पर भी मुस्लिमों को बधाई दी थी।
ट्रंप के इस कदम को मुसलमानों के लिए करारा झटका माना जा रहा है। इससे पहले 9/11 के हमले के बाद भी जॉर्ज बुश ने इफ्तार पार्टी जारी रखी थी। उस वक्त उन्होंने कहा था कि उनकी लड़ाई आतंकवाद के खिलाफ है, न कि इस्लाम। मुसलमानों के लेकर ट्रंप अक्सर विवादों में रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के फौरन बाद ही उन्होंने सात मुस्लिम देशों के नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था और मस्जिदों की निगरानी करने को कहा था। हालांकि इसके बाद उन्होंने अपने पहले विदेशी दौरे की शुरुआत मुस्लिम देश सऊदी अरब से की और वहां 55 मुस्लिम देशों के नेताओं को संबोधित किया था।