उन्होंने कहा, ‘मोदी महसूस करते हैं कि इससे दो महत्वपूर्ण बुनियादी हित जुड़े हैं। पहला यह है कि पाकिस्तान के साथ संबंध और कश्मीर विवाद भारत की प्रगति में सबसे बड़ी रूकावट हंै। भारत आगे बढऩा चाहता है, परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में शामिल होना चाहता है। आप तब तक शामिल नहीं हो सकते, जब तक पाकिस्तान के साथ आपके संबंध बेहतर नहीं हो जाते।’ सैयद ने आगाह किया कि पाकिस्तान के साथ युद्ध भारत की अर्थव्यवस्था को 10 साल पीछे धकेल देगा, जो मोदी नहीं चाहते हैं।
मंसब ने कहा, ‘मोदी यह नहीं चाहेंगे। दोनों देशों के बीच तनाव बढऩा भारत के लिए विनाशकारी, उसे कमजोर बनाने वाला और हानिकारक होगा। हम भारत की युद्ध संबंधी बयानबाजी का जवाब युद्ध संबंधी बयानबाजी से नहीं देना चाहते। हम भारत को उसके लहजे में जवाब नहीं दे रहे। हम अब भी शांति चाहते हैं।’