टूटा पाकिस्तान का खौफनाक आंतकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा! हाफिज सईद और लखवी में छिड़ी जंग

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पाकिस्तान स्थित आतंकी समूह लश्कर-ए-तैयबा (LET) के टॉप लीडरशिप में झगड़े की खबर है। हिंदुस्तान की खबर के मुताबिक LET के संस्थापक और मुंबई हमले का गुनहगार हाफिज सईद और कश्मीर में आतंकी गतिविधि चलाने का इंचार्ज जकी-उर-रहमान लखवी के बीच मतभेद चल रहे हैं। यह खुफिया जानकारी भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को हाल में ही मिली है। हिन्दु्स्तान टाइम्स को मिली रिपोर्ट के मुताबिक घाटी में अशांति फैलाने के लिए LET कश्मीर के अलगाववादी नेताओं को मारने की साजिश रच रहा है।

इसके अलावा लश्कर-ए-तैयबा ने फैसला किया कि अब भारत में आतंकी हमले की जिम्मेदारी लेने के समय वह खुद अपने संगठन का नाम इस्तेमाल नहीं करेगा। LET इसकी जगह ‘स्वदेशी समूह’ जैसे लगने वाले संगठन ‘क्विट कश्मीर मूवमेंट’ के नाम का यूज करेगा।

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हिंदुस्तान की खबर में इस बात की भी पुष्टि की गई है कि जम्मू-कश्मीर पुलिस के खुफिया सूत्रों ने बताया, सुरक्षा बल इस खुफिया जानकारी पर सावधानी बरत रहे हैं। पिछले हफ्ते संसद में सरकार द्वारा दिए गए आंकड़ों के मुताबिक, हाल के दिनों में घुसपैठ के प्रयासों में तेजी आई है। 2015 में जहां घुसपैठ की 121 घटनाएं सामने आई थी वहीं 2016 में यह आंकड़ा बढ़़कर 371 हो गया। इसके अलावा कश्मीरी युवक का रूझान आतंकवाद की ओर तेजी से बढ़ा है। 2013 में 16, 2015 में 66 और साल 2016 में 88 युवकों ने आतंकवाद के रास्ते चले।

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खुफिया दस्तावेजों के अनुसार LET के टॉप लीडरशिप ने फैसला कश्मीर में जारी हिंसा को लेकर वह यहां के स्थानीय आंदोलन बताएगा। वह घाटी में चल रहे किसी आंदोलन में अपना नाम का इस्तेमाल नहीं करेगा और इसे स्वदेशी समूहों द्वारा चलाया गया आंदोलन के रूप में प्रचारित करेगा। कश्मीरी युवाओं में आतंकी बनने के बढ़ते रूझान के बीच यह सुरक्षा बलों के लिए खतरे की घंटी है।

खुफिया दस्तावेजों से मिली जानकारी के अनुसार, हिरासत में बंद जकी-उर-रहमान लखवी का हाफिज सईद के साथ कुछ मुद्दों पर मतभेद है। लखवी ने अपने अधिकतर वफादारों को पाक अधिकृत कश्मीर (POK) भेज चुका है। इसके अलावा तहरीक-ए-मुजाहिदीन को पुनर्जीवित किया जा रहा है। इस संगठन का मुखिया जावेद मुंशी उर्फ बिल्पापा हाल में बेल पर जेल से निकला है। यह समूह अब कश्मीर के किसी अलगाववादी नेता की जान लेकर घाटी में अशांति फैलाने का काम कर सकता है। आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद से जिस तरह से कश्मीर के नौजवान उसके समर्थन में आए थे उससे सुरक्षा बल सकते में है।

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हिंदुस्तान के सौजन्य से खबर