प्रणव और सुषमा ने इजरायल की यात्रा की तो उसके बाद ये फिलीस्तीन भी गए। जाहिर है यह एक संतुलनवादी कदम था। एक सवाल लगातार उठ रहा है कि मोदी ने मिडल-ईस्ट के कई देशों की यात्रा की लेकिन इजरायल को लेकर उदासीन क्यों रहे? प्रणव और सुषमा की यात्रा के बाद उम्मीद की जा रही थी कि मोदी इजरायल का भी दौरा करेंगे लेकिन भारतीय विदेश नीति ने उन्हें इजाजत नहीं देती। इजरायल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रण भी दे चुका है।
हालांकि कहा जा रहा है कि मोदी की इजरायल यात्रा की राह इजरायली पीएम बेंजामीन नेतनयाहू तैयार करेंगे। वह पहले इंडिया आएंगे। इजरायल की तरफ से अभी इसकी आधिकारिक घोषणा बाकी है। हालांकि सुषमा स्वराज ने कहा था कि इस साल नेतनयाहू इंडिया आएंगे। बीजेपी के बारे में कहा जाता है कि वह इजरायल समर्थक है। बीजेपी 2014 में जब सत्ता में आई तो दोनों देशों के बीच संबंधों में और खुलापन आया। अटल बिहारी वाजपेयी के शासन में विदेश मंत्री जसवंत सिंह ने 2000 में इजरायल की यात्रा की थी। इसके बाद 2003 में पहली बार इजरायली प्रधानमंत्री भारत के दौरे पर आए थे।