राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और गृह मंत्री राजनाथ सिंह इजरायल का दौरा कर चुके हैं। चार महीने के भीतर ही प्रणव और सुषमा ने इजरायल का दौरा किया। इससे जाहिर होता है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत और मिडल-ईस्ट के एकमात्र लोकतांत्रिक देश इजरायल के बीच संबंधों में मधुरता है। भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज 17 और 18 जनवरी को इजरायल के दौरे पर गई थीं। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी पिछले साल 15 अक्टूबर को इजरायल गए थे।
इंडिया, इजरायल के साथ द्विपक्षीय संबंधों को ठंडा नहीं होने देना चाहता लेकिन इसी तरह भारत इजरायल समर्थक और अरब विरोधी छवि से भी बचना चाहता है। जाहिर है इजरायल का पड़ोसी देशों फिलीस्तीन, मिस्र, लेबनान, जॉर्डन और अन्य के साथ संबंध अच्छे नहीं हैं। इसके साथ ही उसकी मुस्लिम विरोधी छवि के चलते अरब देशों से भारी कड़वाहट है। दूसरी तरफ इंडिया ज्यादातर कच्चे तेलों का आयात अरब देशों से करता है। भारी संख्या में भारतीय अरब देशों में काम करते हैं। ऐसे में भारत मुस्लिम देशों से संबंध बिगाड़कर नहीं रख सकता। जाहिर है इंडिया चाहकर भी इजरायल के साथ खुली दोस्ती का ऐलान नहीं कर पाता।