ट्रंप प्रशासन फिलहाल वॉशिंगटन डीसी में अपने पैर जमाने की कवायद में लगा है। ट्रंप की टीम के पास प्रशासनिक अनुभव की भी कमी है और यह साफ देखी जा सकती है। सोमवार को वाइट हाउस मीडिया ब्रीफिंग के दौरान ट्रंप के प्रवक्ता सीन स्पाइसर ने प्रेस से कहा, ‘झूठ बोलने का हमारा कभी इरादा नहीं होता, लेकिन कई बार हम तथ्यों के साथ असहमत हो सकते हैं।’ खुद ट्रंप भी राष्ट्रपति बनने के बाद पहले की तरह बयान दे रहे हैं। सोमवार को बिजनस लीडर्स के साथ हुई एक मुलाकात के दौरान ट्रंप ने खुद को पर्यावरण के क्षेत्र से जुड़ा हुआ काफी बड़ा शख्स बताते हुए कहा कि उन्हें इस क्षेत्र में कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं। उनके इस दावे में तथ्य नहीं है। एक अन्य बैठक के दौरान ट्रंप ने कहा कि अगर अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे 30 से 50 लाख अप्रवासी नहीं होते, तो वह हिलरी क्लिंटन के मुकाबले पॉप्युलर वोट भी जीत जाते। अप्रवासियों को लेकर ट्रंप की राय हमेशा से ही काफी सख्त रही है। इसके बावजूद उनके प्रशासन में भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिकों को जो तवज्जो मिल रही है वह भारत के लिए सुखद संकेत माना जा सकता है।