नई दिल्ली : जामिया मिलिया इस्लामिया के स्टूडेंट्स ने छात्रावास में हुए दिल्ली पुलिस की अचानक जांच का विरोध किया है। स्टूडेंट्स का कहना है कि यह पुलिस की ‘रेड’ थी। वहीं पुलिस अधिकारियों का कहना है कि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सुरक्षा के मद्देनजर यह सामान्य जांच हुई थी। छात्रों का कहना है कि यह उनके अधिकारों का उल्लंघन है। पीटीआई के अनुसार स्टूडेंट्स ने चीफ प्रॉक्टर, महताब आलम के ऑफिस के समाने प्रदर्शन किया और नारे लगाए। जामिया प्रशासन का भी कहना है कि यह पुलिस की नियमित जांच का हिस्सा था। विरोध कर रहे छात्रों ने ‘टाइम्स नाऊ गो बैक’ के नारे भी लगाए।
विश्वविद्यालय के छात्र अबूजर ने बताया, ‘मैं चार साल से जामिया में पढ़ रहा हूं और हॉस्टल में रहता हूं। ऐसा कभी नहीं हुआ कि पुलिस हॉस्टल में बिना अनुमति के जांच करे। यह हमारे अधिकारों का उल्लंघन है। विश्वविद्यालय में आर्मी के रिटायर्ड गार्ड हैं जो आवश्यकता पड़ने पर सुरक्षा के लिए हमारी जांच कर सकते हैं, लेकिन हमें अलग मान कर इस तरह डिस्टर्ब करना ठीक नहीं है।’ जामिया की छात्रा सदफ खान ने कहा, ‘अगर इस तरह बिना अनुमति के पुलिस बॉयज हॉस्टल में जा सकती है तो हो सकता है लड़कियों के हॉस्टल में भी ऐसा हो। यह हमारे अधिकारों के साथ छेड़छाड़ है।’ विश्वविद्यालय के छात्रों का विरोध प्रदर्शन जारी है।
जामिया प्रशासन ने छात्रों के लिए सूचना जारी की है कि यहां कोई रेड नहीं की गई है। प्रशासन का कहना है कि उन चार पुलिस वालों के खिलाफ चीफ प्रॉक्टर ने डीसीपी साउथ से शिकायत भी की है।