राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में ई-रिक्शा से लगातार हो रहे हादसों से चिंतित हाई कोर्ट ने सरकार और पुलिस को नोटिस भेजा है। कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि आखिर अभी तक ई-रिक्शा पर लगाम लगाने के लिए कुछ भी क्यों नहीं किया गया जबकि 2 साल पहले ही हाई कोर्ट ई-रिक्शा पर बैन लगा चुका है।
गौरतलब है कि राजधानी में 10 दिनों में ई-रिक्शा से दो लोगों की मौत हो चुकी है। जिस पर कोर्ट में अवमानना दायर की गयी है कि रोज़ लोग ई-रिक्शा से मर रहे हैं जिस पर सरकार और पुलिस कुछ करने के बजाय दर्शक बनी चुपचाप सब देख रही है। दोनों पर हाई कोर्ट के आदेश का पालन कराने की ज़िम्मेदारी थी लेकिन दो साल से कोर्ट के आदेश की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा 9 सितम्बर 2014 में आए आए पहले आदेश के मुताबिक दिल्ली की सड़कों पर ई-रिक्शा तन तक नहीं चल सकते जब तक कि ई रिक्शा चलाने वालों के पास अपना ड्राइविंग लाइसेंस न हो। दूसरा ई रिक्शा का रजिस्ट्रेशन होना चाहिए और साथ ही थर्ड पार्टी बनाकर इंश्योरेंस कराया जाना चाहिए। जिसके लिए हाई कोर्ट ने पुलिस और सरकार को एक कमेटी बनाकर इन तीनों शर्तों के पूरा होने के बाद ही सड़कों पर ई-रिक्शा चलाने की अनुमति देने को कहा था। लेकिन इस आदेश का कोई पालन नहीं किया गया जिसका नतीजा आज सामने है। इन गैरकानूनी तरीके से चलने वाली ई-रिक्शा से 10 दिन में दो लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा।
सरकार और पुलिस को 15 सितम्बर तक जवाब देना होगा। इस वक़्त दिल्ली की सड़कों पर 1 लाख ई-रिक्शा चल रही हैं।