दिल्ली
सीरिया के ज्यादातर सरकारी नियंत्रण वाले क्षेत्रों में आज हुये इस्लामिक स्टेट के कई बम विस्फोटों में कम से कम 48 लोगों की मौत हो गई। सरकारी मीडिया ने इसकी जानकारी दी।
इन विस्फोटों में से हसाकेह में कुर्द सुरक्षा चौकी पर हुए विस्फोट की जिम्मेदारी आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट ने ली है। लेकिन किसी ने सरकारी नियंत्रण वाले होम्स शहर और टारटस में हुए अन्य हमलों तथा दमिश्क के बाहर सेना के चेक पोस्ट पर हुए हमले की अभी तक किसी ने जिम्मेदारी नहीं ली है।
देश में आज हुए विस्फोटों में कम से कम 48 लोग मारे गए हैं। रूसी नौसेना के बेस वाले शहर टारटस के बाहर हुए दो बम विस्फोटों में दर्जनों लोग घायल हुए हैं।
सरकार द्वारा संचालित टेलीविजन चैनल के अनुसार, टारटस में दो विस्फोटों में अजरुना पुल को निशाना बनाया गया। ‘‘पहला विस्फोट एक कार में हुआ और दूसरा विस्फोट एक आत्मघाती हमलावर ने उस समय किया जब लोग घायलों को मदद करने के लिए इकट्ठे हुये।’’ टारटस में अल बशर अस्पताल के प्रमुख के हवाले से चैनल ने कहा कि विस्फोटों में 35 लोग मारे गए हैं और 43 लोग घायल हुए हैं।
देश में मार्च 2011 से चल रहे सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान टारटस हिंसा से ज्यादा प्रभावित नहीं हुआ था और गृहयुद्ध से प्रभावित सीरिया के लोगों के लिए शरणस्थली बन गया था।
देश के पूर्वोत्तर भाग में हसाकेह शहर में बाइक सवार बम हमलावर ने आठ लोगों की जान ले ली। इस क्षेत्र के ज्यादातर हिस्से पर कुर्द बलों का नियंत्रण है, हालांकि वहां सरकार की भी मौजूदगी भी है।
सीरिया की सरकारी मीडिया के अनुसार, मृतकों में छह असायेश सुरक्षा बल के कर्मी और दो असैन्य नागरिक शामिल हैं।
इस्लामिक स्टेट ने सोशल मीडिया पर आए एक बयान में हमले की जिम्मेदारी ली है।
हसाकेह शहर को इस्लामिक स्टेट अकसर निशाना बनाता है। जुलाई में एक बेकरी के बाहर हुए विस्फोट में कम से कम 16 लोगों की मौत हो गयी थी।
सरकारी मीडिया ने बताया कि होम्स शहर में अल-जहरा के प्रवेश द्वार पर एक कार में बम विस्फोट में कम से कम चार लोगों की मौत हो गईं।