दिल्ली:
अरूणाचल प्रदेश में सरकार बहाली के बाद अब राज्यपाल की कुर्सी पर लगातार खतरा मंडरा है। कांग्रेस सरकार की बहाली के बाद ही केंद्र सरकार ने राज्यपाल ज्योति प्रसाद राजखोवा को पद से इस्तीफा देने के लिए कहा था। लेकिन राजखोवा अब भाजपा नेतृत्व की बात ना मानने पर अड़े है। बात नहीं मानने पर अड़े राजखोवा को पद छोड़ देने की केंद्र की सलाह पर ध्यान नहीं देने के कारण अब बर्खास्त किया जा सकता है।
एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि यह कार्रवाई अरूणाचल प्रदेश विधानसभा के विशेष सत्र के बाद की जा सकती है। दो दिन के इस सत्र में विधानसभा वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) पर मुहर लगा सकती है।
उन्होंने कहा, ‘‘सत्र के पूरा होने तक राज्यपाल का कुछ नहीं होगा। उसके बाद कुछ हो सकता है।’’ पिछले साल अरूणाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार की बर्खास्तगी को लेकर राज्यपाल राजखोवा की उच्च न्यायालय द्वारा कड़ी निंदा किये के जाने के बाद केंद्र ने उनसे त्यागपत्र देने को कहा था।
राज्यपाल ने कल गुवाहाटी के एक टीवी चैनल से कहा, ‘‘मैं चाहता हूं कि राष्ट्रपति मुझे बर्खास्त करें। मैं इस्तीफा नहीं दूंगा। राष्ट्रपति को अपनी नाखुशी प्रकट करने दीजिए। सरकार को संविधान के अनुच्छेद 156 के प्रावधानों का इस्तेमाल करने दीजिए। ’’ उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा अरूणाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार को बहाल किये जाने और उनकी निंदा किये जाने के कई हफ्ते बाद उन्हें स्वास्थ्य के आधार पर इस्तीफा देने को कहा गया था।