दिल्ली में चिकगुनिया और डेंगू से त्रस्त लोगों कि तादात जितनी बढ़ रही है उतने ही खून की कालाबाजारी करने वाले दलाल भी अपने पैर पसार रहे हैं। ये दलाल बीमारी के डर का हवाला देकर अपनी जेब भरने में लगे हुए हैं। जितना ज्यादा बुखार का खौंफ है उतनी ही जल्दी मरीज और उनके रिश्तेदार इन खून के सौदागरों की गिरफ्त में फंस रहे हैं।
दिल्ली में ऐसे ही खून की कालाबाजारी करने वालों का पर्दाफाश करने के लिए सरकारी अस्पतालों में दिल्ली पुलिस की कई टीमें बनाई गई हैं। इसी के तहत दिल्ली पुलिस को एक बड़ी कामयाबी एम्स में मिली, यहां एम्स प्रशासन की शिकायत पर एम्स के ब्लड बैंक से एक शख्स को हिरासत में लिया गया। आरोपी ब्लड बैंक में खून देने आया था, हिरासत में लेने के बाद मालूम पड़ा कि खून बेचना उसका पेशा है और इससे पहले भी खून डोनेट करने के नाम पर वो खून बेचता रहा है। अब दिल्ली पुलिस आरोपी से पूछताछ करके उस गिरोह तक पहुंचने में लगी है जो खून के कालाबाजी में सालों से लगे हुए हैं। आरोपी ने फिलहाल पुलिस को बताया है कि उसकी पत्नी बीमार है और उसके इलाज के लिए पैसे जुटाने के लिए वो ख़ून बेचने आया था।