नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के प्रथम परिवार, यादव खानदान में लड़ाई अभी दूर-दूर तक थमती नजर नहीं आ रही है। सपा के प्रदेश प्रमुख शिवपाल यादव ने सोमवार(19 सितंबर) को अखिलेश यादव पर अपना वर्चस्व साबित करने के क्रम में मुख्यमंत्री के करीबी माने जाने वाले विधान परिषद सदस्यों सहित पार्टी के सात पदाधिकारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया।
शिवपाल द्वारा कड़ी कार्रवाई के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए पार्टी की युवा मोर्चा के कई पदाधिकारियों ने तुरंत इस्तीफा देते हुए दावा किया कि ‘‘अखिलेश’’ उनके ‘‘निर्विवाद’’ नेता हैं।
पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के खिलाफ ‘‘अभद्र टिप्पणी’’ करने, पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने तथा अनुशासनहीनता के आरोप में शिवपाल ने जिन सात लोगों को बाहर का रास्ता दिखाया है, उनमें तीन एसएलसी सुनील सिंह साजन, आनंद भदौरिया और संजय लाथर शामिल हैं।
इन तीनों के अलावा, शिवपाल ने सपा के युवा मोर्चा के प्रदेश प्रमुख मोहम्मद एबाद, सपा युवजन सभा के प्रदेश अध्यक्ष ब्रिजेश यादव, सपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरव दूबे, और छात्र सभा के प्रदेश प्रमुख दिग्विजय सिंह देव को भी इन्हीं आरोपों में पार्टी से बाहर निकाल दिया है।
अखिलेश का समर्थन करने वाले कैंप ने इस घटनाक्रम का विरोध किया है। गौरतलब है कि आपसी झगड़े में उलझे शिवपाल और मुख्यमंत्री अखिलेश के बीच सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने दो दिन पहले ही सुलह कराई थी।
दोनों पक्षों के बीच हुई सुलह के अनुसार, अखिलेश ने शिवपाल को सभी प्रमुख मंत्रालय दे दिए और उन्हें पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में भी स्वीकार कर लिया। शिवपाल के लिए अखिलेश ने प्रदेश अध्यक्ष का पद छोड़ा है।