किशनगंगा विवाद: पाकिस्तान ने अदालत से की मध्यस्थता मांग की

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किशनगंगा
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हाल ही में हुए भारत पाकिस्तान के बीच के तनाव के बाद पाकिस्तान ने विश्व बैंक से गुजारिश की है कि किशनगंगा पनबिजली परियोजना पर भारत के निर्माण पर उसकी आपत्तियों पर सुनवाई के लिए मध्यस्थता अदालत बनाई जाए।भारत ने विश्व बैंक से विवाद के निवारण के लिए एक तटस्थ विशेषज्ञ नियुक्त करने की मांग की है। सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर में जलबिजली परियोजना की डिजाइन को लेकर आपत्तियां जताई हैं। उसका कहना है कि यह परियोजना दोनों देशों के बीच सिंधु जल संधि के तहत निर्धारित मानदंडों के अनुरूप नहीं हैं। हालांकि भारत ने परियोजना की डिजाइन को संधि के मानदंडों के अंतर्गत सही बताते हुए विश्व बैंक से अनुरोध किया है कि एक तटस्थ विशेषज्ञ की नियुक्ति की जाए क्योंकि यह मुद्दा एक तकनीकी विषय है।

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एक सूत्र ने अनुसार, ‘पाकिस्तान ने विश्व बैंक से मध्यस्थता अदालत गठित करने का अनुरोध किया है। भारत मांग करता है कि एक तटस्थ विशेषज्ञ मामले का अध्ययन करे क्योंकि यह एक तकनीकी विषय है। संधि भी यही कहती है।’ सूत्र के मुताबिक इंजीनियर जैसा कोई तकनीकी विशेषज्ञ इस मुद्दे को किसी कानूनी जानकार से बेहतर तरीके से समझ सकता है। सूत्रों के अनुसार भारत और पाकिस्तान दोनों ने वाशिंगटन में 27 सितंबर को विश्व बैंक के सामने अलग अलग परियोजना से जुड़े अपने संबंधित तथ्यों को रखा था। सूत्र ने कहा, ‘उन्होंने (पाकिस्तान ने) परियोजना की डिजाइन का विरोध किया है। संधि के तहत जो डिजाइन का मानदंड है वह कहता है कि परियोजना की डिजाइन इस तरह की होनी चाहिए।’

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अगली स्लाईड में पढ़े संधी पर का समाधान।

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