किशनगंगा विवाद: पाकिस्तान ने अदालत से की मध्यस्थता मांग की

0
किशनगंगा
Prev1 of 2
Use your ← → (arrow) keys to browse

हाल ही में हुए भारत पाकिस्तान के बीच के तनाव के बाद पाकिस्तान ने विश्व बैंक से गुजारिश की है कि किशनगंगा पनबिजली परियोजना पर भारत के निर्माण पर उसकी आपत्तियों पर सुनवाई के लिए मध्यस्थता अदालत बनाई जाए।भारत ने विश्व बैंक से विवाद के निवारण के लिए एक तटस्थ विशेषज्ञ नियुक्त करने की मांग की है। सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर में जलबिजली परियोजना की डिजाइन को लेकर आपत्तियां जताई हैं। उसका कहना है कि यह परियोजना दोनों देशों के बीच सिंधु जल संधि के तहत निर्धारित मानदंडों के अनुरूप नहीं हैं। हालांकि भारत ने परियोजना की डिजाइन को संधि के मानदंडों के अंतर्गत सही बताते हुए विश्व बैंक से अनुरोध किया है कि एक तटस्थ विशेषज्ञ की नियुक्ति की जाए क्योंकि यह मुद्दा एक तकनीकी विषय है।

इसे भी पढ़िए :  पाकिस्तान में बॉलीवुड फ़िल्मों के बैन से बढ़ेगा पाईरेसी का खतरा

एक सूत्र ने अनुसार, ‘पाकिस्तान ने विश्व बैंक से मध्यस्थता अदालत गठित करने का अनुरोध किया है। भारत मांग करता है कि एक तटस्थ विशेषज्ञ मामले का अध्ययन करे क्योंकि यह एक तकनीकी विषय है। संधि भी यही कहती है।’ सूत्र के मुताबिक इंजीनियर जैसा कोई तकनीकी विशेषज्ञ इस मुद्दे को किसी कानूनी जानकार से बेहतर तरीके से समझ सकता है। सूत्रों के अनुसार भारत और पाकिस्तान दोनों ने वाशिंगटन में 27 सितंबर को विश्व बैंक के सामने अलग अलग परियोजना से जुड़े अपने संबंधित तथ्यों को रखा था। सूत्र ने कहा, ‘उन्होंने (पाकिस्तान ने) परियोजना की डिजाइन का विरोध किया है। संधि के तहत जो डिजाइन का मानदंड है वह कहता है कि परियोजना की डिजाइन इस तरह की होनी चाहिए।’

इसे भी पढ़िए :  मंगल ग्रह से जल्द ही टकरा सकता है वैश्विक धूल का तूफान: नासा

अगली स्लाईड में पढ़े संधी पर का समाधान।

Prev1 of 2
Use your ← → (arrow) keys to browse