आरबीआई ने घटाया रेपो रेट, अब घटेगी ईएमआई?

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आरबीआई ने ब्‍याज दरों में 25 प्‍वॉइंट्स की कटौती कर दी है। अब यह दर 6.25 प्रतिशत और रिवर्स रेपो रेट की दर 5.75 प्रतिशत होगी। मौद्रिक नीति समिति के सभी छह सदस्यों ने नीतिगत ब्याज दर में कटौती के पक्ष में मत दिये। आरबीआई का कहना है कि खुदरा मुद्रास्फीति मार्च 2017 तक 5.0 प्रतिशत रहने का अनुमान है, इसके इससे ऊंचे रहने का भी जोखिम बना हुआ है। रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिये जीडीपी वृद्धि दर अनुमान को 7.6 प्रतिशत पर बरकरार रखा। नए गवर्नर उर्जित पटेल के कार्यकाल की यह पहली समीक्षा है। आरबीआई की यह पहली ऐसी नीति रही जिसमें मौद्रिक नीति कमेटी ने दर तय की।

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इससे पहले ऐसे फैसले पूरी तरह से आरबीआई गवर्नर पर निर्भर होते हैं। पैनल में डॉ. पटेल के अलावा रिजर्व बैंक के दो अधिकारियों और सरकार द्वारा नामित चीन शिक्षाशास्त्रियों के नाम भी शामिल हैं। कमेटी में आरबीआई गवर्नर (वर्तमान में उर्जित पटेल), डिप्‍टी गवर्नर और मौद्रिक नीति के इंचार्ज आर. गांधी, केंद्रीय बोर्ड द्वारा नामित बैंक के अफसर माइकल पात्रा के अलावा सरकार द्वारा नियुक्‍त इंडियन स्‍टैटिस्टिकल इंस्‍टीट्यूट के प्रोफेसर चेतन घाटे, दिल्‍ली स्‍कूल ऑफ इकॉनमिक्‍स की निदेशक प्रो. पामी दुआ और आईआर्इएम अहमदाबाद के प्रोफेसर डॉ. रविंद्र एच ढोलकिया का नाम शामिल हैं।

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अर्थशास्‍त्री इस बात पर बंटे नजर आ रहे थे कि आरबीआई के रेपो रेट में बदलाव होगा या नहीं, जो कि अप्रैल से नहीं बदला गया है। न्‍यूज एजेंसी रॉयटर्स द्वारा 44 एनालिस्‍ट्स पर कराए गए पोल में करीब 60 परसेंट आरबीआई से रेपो रेट बरकरार रखने की उम्‍मीद कर रहे थे, जबकि बाकी इसमें कम से कम 25 प्‍वॉइंट्स की कमी चाहते थे। दूसरी तरफ,  विश्वबैंक ने कहा कि आतंरिक और बाह्य चुनौतियों के बावजूद बांग्लादेश में वृद्धि मजबूत बनी हुई है। वहां वृद्धि 2017 में 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है जो 2016 में 7.1 प्रतिशत के अनुमान से कम है।

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