प्रधानमंत्री जनधन योजना को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। आपको जानकर बहुत हैरानी होगी कि बैंक कर्मचारी जीरो खातों की संख्या घटाने के लिए खुद ही लोगों के जन-धन खातों में पैसा जमा कर रहे हैं। जी हां आप सभी जानते है प्रधानमंत्री जनधन योजना के बारे में जिसमें कोई भी व्यक्ति जीरो बैलेंस पर अपना बैंक में खोल सकता है। लेकिन ये बैंकों के लिए सिरदर्द बन गया। जिससे बचने के लिए कर्मचारी खुद बैंक खातों में पैसा जमा कर रहे हैं। इस बात का ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ ने खंडन किया है।
‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के मुताबिक बैंक कर्मचारी जीरो बैलेंस अकाउंट्स की संख्या कम करने के लिए जनधन योजना के तहत खुले खातों में एक-एक रुपये जमा करा रहे हैं।
पड़ताल में यह सामने आया कि 18 सरकारी बैंक और उनकी 16 क्षेत्रीय शाखाओं में ऐसे 1.05 करोड़ जनधन खाते हैं, जिनमें एक-एक रुपया जमा हुआ है। जिनमें से 20 बैंकों के ब्रांच मैनेजरों ने स्वीकार किया कि उन पर जनधन योजना के तहत खुले जीरो बैलेंस खातों का आंकड़ा कम करने का दबाव है। इसलिए बैंक कर्मचारी खुद खातों में पैसा जमा कर रहे हैं।
जनधन खाताधारक अपनी पासबुक देखकर हैरान हो रहे हैं। जन-धन योजना लागू (अगस्त 2014) होने के कुछ ही महीने बाद बरेली (यूपी) के पूर्णापुर गांव की रहने वाली कमलेश (हाउसवाइफ) ने पंजाब और सिंध बैंक की एक स्थानीय शाखा में अपना जन-धन खाता खुलवाया था। ऐसा सिर्फ कमलेश के साथ ही नहीं था उनके जैसे 17.90 करोड़ ((26 अगस्त 2016 को जनधन खातों की संख्या 17.90 करोड़ थी) अन्य लोगों ने भी जीरो बैलेंस पर अपना जन-धन खाता खुलवाया था। लेकिन इस साल अगस्त महीने में जब कमलेश ने अपनी पासबुक अपडेट करवाई तो वह हैरान रह गईं। उनके खाते में एक रुपए जमा था, जबकि उन्होंने अपने खाते में कोई भी पैसा जमा नहीं किया था। कमलेश ने बताया कि 29 सितंबर 2015 को उनके खाते में 1 रुपया जमा किया गया था। एक रुपये बैलेंस वाले खातों में 31 अगस्त, 2016 तक कुल 42094 करोड़ रुपये जमा हो चुके हैं।