पाकिस्तान में सेना और आतंकियों का गठजोड़ शांति के लिए सबसे बड़ा खतरा है। यह बात जेनेवा निशस्त्रीकरण सम्मेलन में वरिष्ठ राजनयिक सिद्धार्थ नाथ ने कही है। वहीं शिवशंकर मेनन ने कहा है कि पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को ‘असल खतरा’ आतंकवादी संगठनों से नहीं बल्कि उसकी सेना के भीतर मौजूद अस्थिर तत्वों से है।
शिवशंकर मेनन ने कहा कि आतंकवादियों के पास तबाही मचाने के लिए अपेक्षाकृत सस्ते एवं आसान माध्यम हैं। परमाणु हथियार जटिल उपकरण हैं, जिनका प्रबंधन करना, इस्तेमाल करना एवं उन्हें पहुंचाना मुश्किल होता है और इसके लिए उच्च स्तर के कौशल की आवश्यकता होती है।
मेनन ने अपनी पुस्तक ‘च्वाइसेज़ : इनसाइड द मेकिंग ऑफ इंडियाज़ फॉरेन पॉलिसी’ में कहा है, “मेरे हिसाब से, (परमाणु हथियारों को) असल खतरा अंदर के लोगों, किसी पाकिस्तानी पायलट या किसी ऐसे ब्रिगेडियर से है, जो आदेश दिए जाने पर या उसके बिना ही परमाणु जेहाद शुरू करने का निर्णय लेते हैं…”
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