नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से अलग रह रहीं पत्नी तथा उनके बच्चों को यहां सरकारी आवास खाली करने से 28 जुलाई तक संरक्षण दे दिया। न्यायमूर्ति इंद्रमीत कौर ने केन्द्र से कहा कि घर खाली करने के 30 जून के आदेश पर अगली तारीख तक पायल अब्दुल्ला और उनके दो बेटों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाए। अदालत ने शहरी विकास और गृह मंत्रालयों से याचिकाकर्ताओं के इस अनुरोध पर जवाब देने को कहा कि अगर वे वैकल्पिक सरकारी आवास के हकदार हैं तो केन्द्र को उन्हें कोई उचित आवास आवंटित होने तक घर खाली नहीं करवाने का निर्देश दिया जाए।
उमर की पत्नी और बच्चों ने अपनी याचिका में दावा किया था कि केन्द्र ने नौ सितंबर 2015 को सात अकबर रोड बंगले को जम्मू कश्मीर राज्य को मुख्यमंत्री आवास के रूप में 11 अगस्त 2009 से आवंटित किया था, जिसमें विधि प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। अत: यह अवैध है।