दिवाली जिसे रोशनी का त्यौहार कहते हैं। लेकिन दिवाली पर ही सबसे ज्यादा प्रदूषण भी होता हैं जिससे लोगों को कई सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता हैं। पटाखों के धुएं की वजह से सिर्फ दिल्ली और एनसीआर के लोगों का दम नहीं निकलता बल्कि हर राज्य का यह ही हाल हैं। लेकिन सबसे ज्यादा प्रदूषण फैला हैं दिल्ली में जिसकी वजह से यहां की हवा इस कदर जहरीली हो गई हैं की आज सुबह भी कई जगहों पर धुएं की चादर छाई दिखाई दी। इससे हवा की गुणवत्ता गिरकर ‘गंभीर’ श्रेणी में चली गई।
सिस्टम ऑफ एयर क्वॉलिटी ऐंड वेदर फॉरकास्ट ऐंड रिसर्च (एसएएफएआर) के केंद्रों ने रात करीब आठ बजे श्वसनीय प्रदूषकों पीएम 2.5 और पीएम 10 को क्रमश: 283 और 517 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रिकॉर्ड किया, जो सुरक्षित सीमा से कई गुना अधिक है।
पीएम 2.5 और पीएम 10 का निर्धारित मानक क्रमश: 60 और 100 है और इससे कुछ भी ज्यादा सांस लेने की प्रणाली को नुकसान पहुंचा सकता है। अत्यंत सूक्ष्म पार्टिकुलेट्स फेफड़ों में बैठ जाते हैं और खून में भी प्रवेश कर जाते हैं।