नई दिल्ली। भाजपा ने सिमी के आठ सदस्यों के कथित मुठभेड़ में मारे जाने की न्यायिक जांच की मांग करने को लेकर कांग्रेस तथा अन्य दलों पर सोमवार(31 अक्टूबर) को निशाना साधते हुए इसे ‘वोट बैंक’ की राजनीति तथा लोगों को सुरक्षित रखने के लिए आतंकवादियों से मुकाबला करने वाले सुरक्षा बलों के मनोबल को प्रभावित करने का प्रयास बताया।
भाजपा प्रवक्ता जी वी एल नरसिंह राव ने मुठभेड़ की प्रमाणिकता को लेकर उठाए गए सवालों को खारिज कर दिया और जोर दिया कि केंद्र तथा राज्य की भाजपा सरकारें आतंकवाद को ‘‘कतई बर्दाश्त नहीं करने’’ की नीति का अनुसरण करती हैं और अन्य ‘‘कोई बात’’ उसके लिए कोई मायने नहीं रखती।
उन्होंने कहा कि देश के लोग मानवाधिकार के नाम पर ऐसे किसी बकवास को बर्दाश्त नहीं करेंगे। ‘‘यह हमारे बलों के मनोबल को प्रभावित करने का प्रयास तथा राजनीति से प्रेरित है।’’ भाजपा नेता ने कहा कि ‘‘एक खास धार्मिक समुदाय के आतंकवादियों’’ से जुड़ी घटनाओं को कांग्रेस एक अवसर के रूप में देखती है ताकि ऐसी घटनाओं को राजनीतिक मौकों में बदला जाए।
सेना द्वारा सीमा पार किए गए लक्षित हमले को लेकर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दिए गए बयान का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि ‘‘ इसी को मैं खून की दलाली कहता हूं।’’
राव ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेताओं के पास सीमाओं पर शहीद हुए सैनिकों या पीड़ित हेड कांस्टेबल के लिए आंसू बहाने का समय नहीं है, जिनकी सिमी सदस्यों ने जेल से भागने के क्रम में कल रात गला रेत दिया। लेकिन वे उन बलों के साथ दिखना चाहते हैं जो राष्ट्रीय एकता के लिए खतरा है।
उन्होंने जेएनयू परिसर में कथित देशविरोधी नारेबाजी और लक्षित हमले को लेकर सरकार पर निशाना साधे जाने का जिक्र करते हुए दावा किया कि सिमी मुठभेड़ को लेकर उनका सवाल उठाना राजनीति से प्रेरित है।
इस बीच कांग्रेस ने इस घटना को लेकर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर निशाना साधा। मुठभेड के एक वीडियो को लेकर संवाददाताओं द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में कांग्रेस महासचिव मोहन प्रकाश ने कहा कि ‘‘मैं कुछ नहीं कह सकता। सिर्फ अमित शाह ही इस पर टिप्पणी कर सकते हैं। उन्हें गुजरात का अनुभव है और उनकी पार्टी मध्य प्रदेश में सत्ता में है।’’
प्रकाश जाहिरा तौर पर गुजरात में सोहराबुद्दीन मुठभेड़ मामले का जिक्र कर रहे थे जब शाह प्रदेश में गृह राज्य मंत्री थे। उन्होंने जेल से भागने की घटना को गंभीर बताया और कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शाह पर है कि वे जवाबदेही तय करें और कार्रवाई करें, क्योंकि यह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तथा राज्य के गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह के बड़े बडे दावों के बावजूद हुई है।