प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक अहम फैसला लेते हुए 500 और 1000 के नोटों को 8 नवंबर की रात 12 बजे से प्रतिबंधित कर दिये हैं। जिसेक बाद 14 लाख करोड़ यानि कि भारतीय करेंसी का 86 फीसदी हिस्सा जो वर्तमान में संचालन में था वो मंगलवार की आधी रात से मोदी की इस कार्रवाई के बाद बेकार हो गया है।
इंडियास्पेंड की खबर के मुताबिक, रिज़र्व बैंक के अनुसार 500 के करीब 7.85 लाख करोड़ और 1000 के 6.33 लाख करोड़ पर मोदी सरकार की कार्रवाई का असर पड़ा है। आपको बता दें मोदी का यह फैसला काले धन को देश से खत्म करने के चलते उठाया गया है।
इस फैसले के बाद तीन तरीके से कालेधन की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करता है। अचानक घोषणा सीधे भारतीयों द्वारा रखे गए काले धन को प्रभावित करेगा, और संभवतः उन्हें दो विकल्प पेश करेंगे: या तो बैंकों को खुद की पहचान के बाद पैसे जमा करते हैं, या 24 नवंबर, 2016 तक पैसे का आदान-प्रदान।
बुनियादी गणना के अनुसार एक आदमी द्वारा दिनभर में पैसे निकालने की लिमिट 4000 रूपये है। और 10 से 24 नवंबर तक 15 दिन में एक व्यक्ति द्वारा 60,000 रूपये का एक्स्चेंज किया जा सकता है। 24 से आदान-प्रदान की प्रक्रिया में ढील दी जाएगी। जबकि पैसे जमा करने के लिए कोई लिमिट नहीं लगाई गयी है।
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