नई दिल्ली। नोटबंदी पर शीतकालीन सत्र में लड़ाई का खेमा बंट चुका है। विपक्षी दल फिलहाल इकट्ठे दिख रहे हैं। आमलोगों को होने वाली परेशानी का हवाला देकर वह सरकार को घेरने की तैयारी में हैं।
सोमवार को जहां कांग्रेस की अगुवाई में टीएमसी, लेफ्ट, आरजेडी समेत कई विपक्षी दलों ने बैठक कर रणनीति पर चर्चा की, वहीं पीएम मोदी की अध्यक्षता में सत्ताधारी एनडीए की भी अहम बैठक हुई। बैठक में पीएम ने कहा कि नोटबंदी के फैसले पर देश की जनता सरकार के साथ है, ऐसे में विपक्ष के दबाव में झुकने का सवाल ही नहीं है।
सरकार की सहयोगी पार्टी शिवसेना और अकाली दल ने नोटबंदी के कदम पर सवाल उठाने के बाद संसद में सरकार का साथ देने का निर्णय लिया है। संसद सत्र की रणनीति को अंतिम रूप देने के लिए हुई राजग नेताओं की बैठक में सरकार के सभी सहयोगी दलों ने नोटबंदी के मामले पर सरकार के साथ एकजुटता दिखाई है।
पीएम मोदी ने भी सहयोगी दलों को आश्वस्त किया है कि नोटबंदी का श्रेय उनको नहीं, बल्कि उन सभी दलों को जाएगा, जो नोटबंदी के फैसले पर सरकार के साथ खड़े हैं। केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू ने बताया कि सभी दलों ने फैसले के साथ खड़े रहने की बात कही है। उन्होंने कहा कि फैसला वापस लेने का कोई सवाल ही नहीं है।