नई दिल्ली। नोटबंदी का असर भारत ही नहीं बल्कि पड़ोसी देश नेपाल पर भी पड़ा है। नेताली लोगों के पास बड़ी मात्रा में बैन किए 500 और 1000 के नोट हैं और इन्हें बदलने का उन्हें रास्ता नहीं दिख रहा। इस संकट से उबारने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन कर उनके नेपाली समकक्ष पुष्प कमल दहल प्रचंड ने मदद मांगी है। प्रचंड ने उनसे इन नोटों को नई मुद्रा में बदलने के लिए प्रबंध का आग्रह किया है।
स्थानीय अखबार काठमांडू पोस्ट के मुताबिक, सैंकड़ों-हजारों लोग मजदूर के रूप में भारत में काम करते हैं। वे लोग जो मेडिकल सुविधाओं और अन्य जरूरी चीजों के लिए भारतीय बाजारों पर निर्भर हैं। और उनके पास 500-1000 रुपये के नोट हैं, वे भारत में नोटबंदी के फैसले से खासे दुखी और परेशान हैं।
करीब पांच मिनट की अपनी बातचीत में प्रचंड ने प्रधानमंत्री मोदी से कहा कि नेपाल में भी कई लोगों के पास बड़ी संख्या में 500 और 1000 रुपये के नोटों के रूप में भारतीय मुद्रा है। लेकिन अब भारत सरकार ने इन नोटों को चलन से बाहर कर दिया है। उन्होंने पीएम मोदी से कुछ ऐसी व्यवस्था बनाने की मांग की, जिससे नेपाल में जिन लोगों के पास भी यह भारतीय मुद्रा है वे भी इसे आसानी से बदल सकें।
भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि जिन नेपाली नागरिकों को भारत के बैंकों में खाता हैं, उन्हें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं हैं। वे भी मौजूदा व्यवस्था के तहत बैंकों से नोट बदल सकते हैं। हालांकि, नेपाल में मौजूद नोटों के लिए उच्च स्तर पर चर्चा चल रही है।