देश में इस वक्त काले धन का जिक्र हो रहा है। हर सरकार द्वारा यह दिखाने की कोशिश भी की जाती है कि वह काला धन जोड़ने वालों के खिलाफ है और उनके खिलाफ नीतियां बनाने की बात भी करते हैं। लेकिन भारत में कालाधन इंदिरा गांधी के काल में सबसे ज्यादा पैदा हुआ। 1960 के बाद भारत ही नहीं पूरे देश में टैक्स रेट को काफी बड़े पैमाने पर बढ़ा दिया गया था। टैक्स रेट के बढ़ने से ही कालाधन जमा होना शुरू हुआ क्योंकि लोगों ने ज्यादा टैक्स देने से बेहतर थोड़े पैसों की घूस देना समझा। 1966 में इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री बनीं। 1969 में उन्होंने बैंकों को राष्ट्रीयकृत कर दिया। फिर 1970-71 में उन्होंने ‘कर सुधार’ की शुरुआत की। जिसमें 11 तरीके के टैक्स रेट तय किए गए। जो कि 10 प्रतिशत से 85 प्रतिशत तक थे।
इसके अलावा 15 प्रतिशत का सरचार्ज भी था। जिससे टॉप टैक्स रेट 97.75 प्रतिशत तक पहुंच गया था। ऐसे में लोगों के पास टैक्स से बचने के लिए कर अधिकारियों को घूस देने के अलावा कोई चारा ही नहीं बचा था।