नोटबंदी पर भले ही समूचा विपक्ष मोदी सरकार के फैसले के खिलाफ खड़ा हो लेकिन समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद अमर सिंह ने पीएम के इस फैसले का समर्थन किया। जिसके बाद से ही वह चर्चाओं में है। नोटबंदी के इस
फैसले पर नवभारत टाइम्स से बातचीत को दौरान उन्होंने बताया, मैं मोदी का हृदय की गहराइयों से अभिनंदन करता हूं, क्योंकि उन्होंने नोटबंदी की। मोदी ने एक अवसर सबको दिया कि कालेधन से मुक्त हो जाइए, किसी को कुछ नहीं कहूंगा। चेतावनी भी दी कि नहीं किया तो खून के आंसू रुलाऊंगा। लोगों ने कहा कि ये जुमले हैं। उनको उकसाया भी कि कहां है काला धन, निकालो मोदी जी। जब आपने एक सोए शेर को जगाया तो वह दहाड़ेगा, सामने जो मिलेगा उसको खाएगा।
अखिलेश सरकार में करप्शन के बारे में पूछे जाने पर, अमर सिंह ने कहा, मैं कुछ नहीं बोलूंगा। लेकिन बहुत कुछ सामने आना चाहिए। एक अधिकारी हैं यूपी के, जो मायावती के कार्यकाल में भी रहे, अखिलेश के कार्यकाल में भी, वह 14 सालों तक बैठे रहे, कोर्ट के हस्तक्षेप के बावजूद एक जगह पर डटे हैं, क्यों? इसका पता लगाना चाहिए। वही ठेकेदार जो मायावती के समय में थे, वे अब भी हैं। जो लोग मायावती के कार्यकाल में शराब बेच रहे थे, अब भी वही बेच रहे हैं। शिशु आहार जो पहले लोग देखते थे, अब भी वही हैं। आम तौर पर लोग शराब की बोतल नई बना लेते हैं, ताकि उसका स्पष्टीकरण दे सकें, लेकिन यहां तो शराब भी वही है, बोतल भी वही, बिल्ला भी वही…सिर्फ शासन बदल गया है।
कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर आपने मुलायम से बात की थी, इस बारे में पूछे बारे पर, उन्होंने कहा, पार्टी में मेरी हैसियत जीरो बट्टा सन्नाटा है। मैं स्पष्ट कहना चाहता हूं कि मैं एसपी की राजनीति का घोषित झंडूबाम हूं। पार्टी में मुलायम सिंह की बात भी नहीं सुनी जाती। एक व्यक्ति जिसे सीएम आवास में पकड़-पकड़ कर मारा गया, उसे पार्टी से निकाला, वह मंत्री कैबिनेट से मुख्यमंत्री ने नहीं निकाला। रामगोपाल यादव की वापसी के बाद, निकाले गए मुलायम सिंह के समर्थक मंत्री अब भी बाहर हजरतगंज की हवा खा रहे हैं। मैं बहुत खेद के साथ कह रहा हूं कि मुलायम सिंह की सारी आज्ञाओं का पालन हो रहा हो, ऐसा अभी नहीं है। लेकिन फिर भी मैंने गठबंधन की पहल की। मुलायम भी गठबंधन चाहते हैं। लेकिन रामगोपाल यादव गठबंधन नहीं चाहते हैं। अखिलेश यादव को भी लगता है कि उन्होंने इतना विकास कर लिया कि सारी सीटें उन्हें ही मिल जाएंगी। गठबंधन इसी कारण से नहीं हुआ।