नई दिल्ली। मोदी सरकार द्वारा गत महीने आठ नवंबर को नोटबंदी की घोषणा के बाद सोने में गिरावट तेजी से बढ़ गई है। मंगलवार(6 दिसंबर) को भी गिरावट जारी रही और यह 250 रुपये फिसलकर 6 माह से अधिक अवधि के निचले स्तर 28,800 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया।
जानकारों का कहना है कि इस गिरावट की मुख्य वजह नोटबंदी और विश्व स्तर पर सोने की कीमतों में आई कमजोरी है। उनके मुताबिक, नोटबंदी के बाद नकदी संकट के चलते घरेलू हाजिर बाजार में भी मांग में गिरावट आई है, जिसके कारण ज्वेलरों की ओर से लिवाली घट गई है।
जानकारों का कहना है कि नोटबंदी के बाद कैश की किल्लत की वजह से घरेलू बाजार में लगातार सोने की मांग में कमी आई है। गोल्ड ट्रेडर्स के अनुसार कैश नहीं होने के चलते लोग खरीदारी से दूरी बनाए हुए हैं। रिटेल मार्केट में डिमांड कम है।
वहीं, औद्योगिक मांग की सुस्ती से चांदी भी 100 रुपए फिसलकर 41,100 रुपए प्रति किलोग्राम पर आ गई। लंदन से मिली जानकारी के अनुसार सोना हाजिर 03.40 डॉलर चढ़कर 1,172.80 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया। नोटबंदी के बाद से सोने की कीमत में अब तक 2,950 रुपए और चांदी के दाम में 2,750 रुपए की कमी आ चुकी है।