आजम खान को सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत, बुलंदशहर गैंगरेप पर दिए बयान ने बढ़ाई मुश्किल

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आजम खान

बुलंदशहर गैंगरेप मामला में विवादित बयान देने वाले उत्तर प्रदेश के कद्दावर मंत्री और समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान के माफीनामे को सुप्रीम कोर्ट ने नामंजूर कर दिया है। कोर्ट ने आज सुनवाई के बाद 15 दिसंबर तक फिर नया माफीनामा दाखिल करने का आदेश दिया है।

गौरतलब है कि पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने आजम खान को फटकार लगाते हुए यह निर्देश दिया था कि वे कोर्ट में सात दिसंबर तक अपना माफी नामा दायर करें।

कोर्ट के निर्णय के बाद बाद आजम खान ने यह कहा था कि मैंने कभी पीड़िता को परेशान करने के उद्देश्य से कोई बयान नहीं दिया। मैंने अपना जवाब लिखित और सीडी के रूप में सुप्रीम कोर्ट को सौंपा है। उन्होंने कहा कि सपा सरकार को बदनाम करने के लिए विपक्षी पार्टियां साजिश कर रही हैं, कई मामलों में ऐसा देखा गया है, इसलिए मैंने इसे राजनैतिक साजिश करार दिया था।

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कोर्ट ने कहा कि बिना शर्त माफीनामा का हलफनामा कैसा हो, ये भी सुनवाई हो सकती है। इससे पहले, यूपी बुलंदशहर गैंगरेप मामले में उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री आजम खान ने इस मामले दिए गए बयान के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आज़म खान से 12.45 तक बिना शर्त माफी का हलफनामा दाखिल करने के आदेश दिए थे।

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आजम ने सुप्रीम कोर्ट के सामने यह प्रस्ताव भी रखा था कि वह बुलंदशहर गैंगरेप पीड़ित की गैजुएशन तक मुफ्त पढ़ाई का पूरा खर्च उठाएंगे। लेकिन पीड़ित ने इस प्रस्ताव को भी ठुकरा दिया।

गौरतलब है कि आजम ने बुलंदशहर गैंगरेप को राजनीतिक साजिश बताया था। इस मामले में आजम खान के बयान को मीडिया ने छापा था। 29 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में आजम खान को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा था, साथ ही पब्लिक सर्वेंट द्वारा बयान के मामले में देश-विदेश की अदालतों में दिए गए फैसले का हवाला दिया था।

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सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि गैंगरेप की पीड़ित के मुद्दे पर बयान देने से पहले बयान देने वालों को जिम्मेदारी का अहसास होना चाहिए।