राजस्थान हाई कोर्ट ने रद्द किया गुर्जरों को आरक्षण देने वाला कानून

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फाइल फोटो।

नई दिल्ली। राजस्थान हाई कोर्ट ने शुक्रवार(9 दिसंबर) को एक अहम फैसला में गुर्जरों को विशेष आरक्षण देने वाले विशेष पिछड़ा वर्ग बिल को असंवैधानिक करार देते हुए रद्द कर दिया। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि 50 फीसदी से अधिक आरक्षण राज्य में नहीं दिया जा सकता है। फिलहाल राज्य में 49 फीसदी आरक्षण लागू है।

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आपको बता दे कि यह बिल राजस्थान सरकार ने गुर्जरों सहित पांच अन्य जातियों को विशेष पिछड़ा वर्ग श्रेणी में पांच फीसदी आरक्षण देने के लिए साल 2015 में विधानसभा में विधेयक पारित कराया था। लंबे आंदोलन के बाद सरकार ने गुर्जर आरक्षण की मांग मानी थी।

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गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति ने आरक्षण पर हाईकोर्ट के फैसले के बाद राज्य और केंद्र सरकार पर ठीक पैरवी नहीं करने का आरोप लगाया है। समिति ने कहा कि गुर्जर अब आरक्षण के मसले पर सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे।

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राजस्थान सरकार ने गुर्जरों को पहली बार 2008 में एसबीसी की अलग से श्रेणी बनाते हुए पांच प्रतिशत का आरक्षण दिया था। इससे राज्य में कुल आरक्षण 49 से बढ़कर 54 फीसद हो गया था। 2009 में हाई कोर्ट ने 50 प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण देने पर रोक लगा दी थी।