तुर्की में रूस के राजदूत की हत्या के बाद सबसे पहला सवाल यही खड़ा होता है कि आखिर क्या वजह थी जिसके चलते तुर्की में रूसी राजदूत को गोली मारी गई। हालांकि तुर्की और रूस के नेताओं ने उकसाने वाली आतंकी कार्रवाई करार दिया है।
सबसे पहले गौर करने वाली बात है कि यह घटना ऐसे वक्त हुई है जब रूस और तुर्की के रिश्ते सुधर रहे हैं और दोनों मुल्कों के बीच सहयोग बढ़ रहा है। दोनों देशों के नेताओं ने इस बात पर जोर दिया है कि इस घटना का साया तुर्की और रूस की दोस्ती पर नहीं पड़नी चाहिए।
रूस सीरिया में चल रहे गृह युद्ध में राष्ट्रपति बशर अल असद की सरकार का समर्थन कर रहा है। इसे लेकर तुर्की और रूस के बीच तनाव बना हुआ है।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि हत्या की यह घटना उकसाने वाली कार्रवाई है। इसका मकसद रूस और तुर्की के सामान्य होते रिश्तों और सीरिया में रूस, तुर्की, ईरान और अन्य देशों की ओर से की जा रही शांति बहाली की प्रक्रिया में बाधा डालना है।
सीरियाई सरकार का समर्थन करने के लिए रूस के खिलाफ इस्तांबुल में रूस के वाणिज्य दूतावास के बाहर प्रदर्शन भी हुए हैं। लेकिन तुर्की और रूस की सरकारें अलेप्पो में युद्ध विराम पर मिलकर काम कर रही हैं।
तुर्की के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन ने भी पुतिन के सुर में सुर मिलाते हुए कहा है कि हत्याकांड का मकसद तुर्की और रूस के सामान्य होते रिश्तों में बाधा डालना है। लेकिन रूस और तुर्की की सरकारें इस उकसाने वाली कार्रवाई की साजिश को अच्छी तरह समझती हैं।
इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सर्कुलेट हो रहा है जिसमें रूसी राजदूत को गोली मारने के बाद हमलावर को ‘अल्लाहू अकबर’, ‘सीरिया को मत भूलो’, ‘अलेप्पो को मत भूलो’ के नारे लगाते हुए सुना जा सकता है।
गौरतलब है कि अंकारा में सोमवार को आंद्रे कार्लोव को तुर्की के एक पुलिस अफसर ने सरेआम गोली मार दी जब वो एक आर्ट गैलरी में भाषण दे रहे थे। हालांकि इस घटना के बाद हमलावर को भी ढेर कर दिया गया।